भाद्रपद अष्टमी पर शुरू हुई मां नंदा देवी की पवित्र यात्रा, 31 अगस्त को होगा बामणी गांव में प्रवेश

भाद्रपद अष्टमी पर शुरू हुई मां नंदा देवी की पवित्र यात्रा, 31 अगस्त को होगा बामणी गांव में प्रवेश

बामणी गांव: जय मां नंदा देवी! उत्तराखंड गढ़वाल की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा देवी की पवित्र फुलारी यात्रा आज भाद्रपद मास की अष्टमी से पहले विधिवत रूप से प्रारंभ हो गई है। फुल कंडी के साथ श्रद्धालु नीलकंठ पर्वत की ओर मां का आवाहन करने निकले, जहां मां नंदा देवी को ब्रह्म कमल से सजी फुल कंडी में भंवरि रूप में विराजमान किया जाएगा।

यह यात्रा, जो गहरे धार्मिक विश्वास और परंपराओं से जुड़ी हुई है, 31 अगस्त की शाम को बामणी गांव में मां के आगमन के साथ आगे बढ़ेगी। मान्यता है कि भाद्रपद अष्टमी के पावन अवसर पर मां नंदा देवी अपने दिव्य रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं और सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं।

तीन दिवसीय उत्सव का होगा भव्य आयोजन

यह यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव है, जिसे तीन दिनों तक अत्यंत श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है। बामणी गांव और आसपास के क्षेत्रों में मां नंदा देवी की आरती, भजन-कीर्तन, पारंपरिक नृत्य और पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा।

गांव के बुजुर्गों से लेकर युवा तक इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। मां के स्वागत की तैयारियां कई दिनों से चल रही थीं और अब पूरा क्षेत्र श्रद्धा और आस्था के रंगों में रंग चुका है।

नंदा राजजात की स्मृति भी ताजा

यह आयोजन कहीं न कहीं प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा की स्मृति को भी जीवंत करता है, जिसमें मां नंदा देवी को उनके मायके से ससुराल तक की यात्रा कराई जाती है। फुल कंडी यात्रा, मां के उसी पावन स्वरूप की एक झलक है, जिसे देखने के लिए भक्तगण दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं।