Headline
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024- सियासी हलचल तेज, भाजपा गठबंधन की जीत का अनुमान
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024- सियासी हलचल तेज, भाजपा गठबंधन की जीत का अनुमान
उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बनने लगी है बिजली
उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बनने लगी है बिजली
गुलाबी साड़ी पहन जाह्नवी कपूर ने इंटरनेट पर बरपाया कहर, एक्ट्रेस की शोख अदाओं पर दिल हार गए फैंस
गुलाबी साड़ी पहन जाह्नवी कपूर ने इंटरनेट पर बरपाया कहर, एक्ट्रेस की शोख अदाओं पर दिल हार गए फैंस
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
एयरलाइन विस्तारा का संचालन कल से हो जाएगा बंद, एयर इंडिया के साथ करेगी विलय 
एयरलाइन विस्तारा का संचालन कल से हो जाएगा बंद, एयर इंडिया के साथ करेगी विलय 
प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का आधार बनाएगी सरकार – मुख्यमंत्री धामी
प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का आधार बनाएगी सरकार – मुख्यमंत्री धामी
प्रदेशभर के उपनल कर्मचारियों में नाराजगी, मांगों पर अमल न हुआ तो आज से ही करेंगे हड़ताल 
प्रदेशभर के उपनल कर्मचारियों में नाराजगी, मांगों पर अमल न हुआ तो आज से ही करेंगे हड़ताल 
वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर की नीलामी का पहला चरण पूरा, इस नंबर पर लगी सबसे मंहगी बोली
वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर की नीलामी का पहला चरण पूरा, इस नंबर पर लगी सबसे मंहगी बोली
सर्दियों में त्वचा हो जाती है शुष्क? मुलायम बनाने के लिए लगाएं ये 5 फेस पैक
सर्दियों में त्वचा हो जाती है शुष्क? मुलायम बनाने के लिए लगाएं ये 5 फेस पैक

आपातकाल स्कूल-कॉलेज पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए- बंसल

आपातकाल स्कूल-कॉलेज पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए- बंसल

नई दिल्ली। संसद भवन मे संसद बजट सत्र के पहले दिन सासंद राज्यसभा व भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष डा. नरेश बंसल ने शून्यकाल मे एक गंभीर विषय उठाया। डा. नरेश बंसल ने आपातकाल से संबंधित विषय उठाया। डा. नरेश बंसल ने सदन के माध्यम से सरकार से मांग कि की वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराने के उद्देश्य से देश में व्याप्त परिस्थितियों, दमन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदम का विरोध करने के लिए लोकतंत्र सेनानियों के दृढ़ संकल्प पर अध्याय स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। डा.नरेश बंसल ने शून्यकाल मे इस विषय को उठाते हुए कहा कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उस समय रक्षक ही भक्षक बन गए थे। आजादी के बाद इसे लोकतंत्र की दूसरी आजादी का भी नाम दिया गया।

डा.नरेश बंसल ने कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा 1975-77 में आपातकाल ने देश के लोकतंत्र पर कलंक लगाया था।आपातकाल 21 महीने तक चला था, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता का हनन, असहमति का दमन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन हुआ था। इसके साथ ही हज़ारों लोगों को बिना कारण बताए जेल में ठूंसा जाने लगा।उन्होनें कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए अनेकों अनेक लोग बलिदान हुए।
डा. नरेश बंसल ने कहा कि आपातकाल का वह स्याह कालखंड लोकतंत्र सेनानियों के लिए एक दुस्वप्न है। आज भी उस दौर को याद कर लोकतंत्र सेनानियों की आंखें नम हो जाती हैं। डा. नरेश बंसल ने जोर देते हुए कहा कि इस समय के पक्ष-विपक्ष के ज्यादातर नेता खुद आपातकाल की ज्यादतियों का शिकार हुए हैं।

डा. नरेश बंसल ने सदन के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग कि की देश में 1975-77 में आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों और दमन का विरोध करने वालों की ओर से की गई लड़ाई को समझाने वाला एक अध्याय स्कूल एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। डा. नरेश बंसल ने अपनी मांग मे कहा कि की सभी छात्रों के लिए पाठ्य पुस्तकों में एक पाठ होना चाहिए कि आपातकाल क्या था और इसे कैसे लगाया गया था? डा. नरेश बंसल ने कहा कि आपातकाल को अगर सही तरीके से पाठ्यपुस्तकों में स्थान दिया जाए तो लोकतांत्रिक शक्तियों का विकास होगा और प्रजातंत्र की जड़ें मजबूत करने में मदद मिलेगी ।

डा. नरेश बंसल ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपातकाल लगाकर इंदिरा की सरकार ने भारत के संविधान का गला घोंट दिया था। आज उनके परिवार और उनके पार्टी के लोग संविधान दिखाकर झूठ फैलाने का कार्य कर रहे हैं। कांग्रेस ने जो लोकतंत्र के साथ विश्वासघात किया, उसे कभी भी माफ नहीं किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top