Headline
खेल मंत्री रेखा आर्या का मुख्य सचिव को सुझाव, राष्ट्रीय खेल सचिवालय में ही हों
खेल मंत्री रेखा आर्या का मुख्य सचिव को सुझाव, राष्ट्रीय खेल सचिवालय में ही हों
ब्लॉक प्रमुख व ग्राम प्रधानों को प्रशासक बनाने की घड़ी पांच दिन और टली
ब्लॉक प्रमुख व ग्राम प्रधानों को प्रशासक बनाने की घड़ी पांच दिन और टली
प्रकाश सुमन ध्यानी की पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया गया
प्रकाश सुमन ध्यानी की पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया गया
‘वनवास’ का ट्रेलर रिलीज, दिल छू लेने वाली कहानी लेकर आए नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा
‘वनवास’ का ट्रेलर रिलीज, दिल छू लेने वाली कहानी लेकर आए नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा
यूपी निर्माण निगम को गुणवत्ताहीन निर्माणाधीन आईटीआई भवनों के मामले में नोटिस जारी
यूपी निर्माण निगम को गुणवत्ताहीन निर्माणाधीन आईटीआई भवनों के मामले में नोटिस जारी
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज सही है या नहीं, जानें क्या है पूरा सच
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज सही है या नहीं, जानें क्या है पूरा सच
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ब्लाक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों को भी मिल सकती है प्रशासक की जिम्मेदारी
ब्लाक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों को भी मिल सकती है प्रशासक की जिम्मेदारी
59 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए करें आवेदन
59 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए करें आवेदन

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी बच्चे पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमले’ के मामले में महिलाओं को भी आरोपी बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यौन अपराधों के लिए अदालती कार्यवाही केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है; अब महिलाओं को भी इस प्रकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं के खिलाफ भी होगी कार्यवाही
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया था, और इसके तहत अपराध चाहे पुरुष द्वारा किया गया हो या महिला द्वारा, कार्यवाही दोनों के खिलाफ की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि धारा-3 (प्रवेशन लैंगिक हमला) में प्रयुक्त शब्द ‘व्यक्ति’ को केवल ‘पुरुष’ के संदर्भ में समझा जाए।

क्या था मामला?
यह फैसला एक महिला आरोपी की याचिका पर आया था, जिसमें उसने यह तर्क दिया था कि वह महिला होने के कारण उस पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमला’ का आरोप नहीं लगाया जा सकता। आरोपी ने अपने खिलाफ आरोप तय करने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि धारा-3 में ‘वह’ शब्द का इस्तेमाल केवल पुरुष अपराधी के लिए किया गया है।

अदालत का तर्क
हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पॉक्सो अधिनियम की धारा-तीन और पांच (गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला) के तहत उल्लिखित कृत्य अपराधी की लैंगिक स्थिति की परवाह किए बिना अपराध माने जाएंगे, बशर्ते कि ये कृत्य किसी बच्चे पर किए गए हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top