Headline
हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में पाला पड़ने का येलो अलर्ट जारी
हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में पाला पड़ने का येलो अलर्ट जारी
11 से 21 दिसंबर तक चलने वाली अग्निवीर भर्ती परीक्षा हुई शुरु, केंद्र के आसपास पुलिस और सेना के कड़े इंतजाम 
11 से 21 दिसंबर तक चलने वाली अग्निवीर भर्ती परीक्षा हुई शुरु, केंद्र के आसपास पुलिस और सेना के कड़े इंतजाम 
वजन कम करने के लिए खाते हैं ज्यादा फल, तो हो जाएं सावधान, सेहत को हो सकते हैं बड़े नुकसान
वजन कम करने के लिए खाते हैं ज्यादा फल, तो हो जाएं सावधान, सेहत को हो सकते हैं बड़े नुकसान
खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया 35वीं सीनियर राष्ट्रीय कैनो – स्प्रिंट चैंपियनशिप का शुभारंभ
खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया 35वीं सीनियर राष्ट्रीय कैनो – स्प्रिंट चैंपियनशिप का शुभारंभ
सीएम ने बेसहारा एवं बेघर लोगों को कंबल वितरित किए
सीएम ने बेसहारा एवं बेघर लोगों को कंबल वितरित किए
खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ी
खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ी
आम आदमी पार्टी ने किया बड़ा ऐलान, ऑटो वालों को दी पांच बड़ी गारंटी
आम आदमी पार्टी ने किया बड़ा ऐलान, ऑटो वालों को दी पांच बड़ी गारंटी
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस में भोजन से लेकर मनोरंजन तक में उत्तराखंडी छाप
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस में भोजन से लेकर मनोरंजन तक में उत्तराखंडी छाप
एयर इंडिया ने विमान निर्माता कंपनी एयरबस को 100 नए विमान खरीदने का दिया ऑर्डर 
एयर इंडिया ने विमान निर्माता कंपनी एयरबस को 100 नए विमान खरीदने का दिया ऑर्डर 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह

नई दिल्ली। भारत के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का रहेगा।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव किया था। चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 से अपनी सेवा देने के बाद 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं।

कौन हैं संजीव खन्ना?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को हुआ। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया। उन्हें संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून का व्यापक अनुभव है। उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे, जबकि उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं।

करियर में प्रमुख उपलब्धियां
2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया।
2005 में न्यायमूर्ति खन्ना को दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया।
2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने।
18 जनवरी, 2019 को न्यायमूर्ति खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।

महत्वपूर्ण फैसले
न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी, जिससे केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने का अवसर मिला। इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में न्यायमूर्ति खन्ना ने पीएमएलए के तहत जमानत देने के आधार के रूप में कार्यवाही में देरी को एक वैध आधार माना था। यह फैसला दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े एक मामले में दिया गया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का यह कार्यकाल न्यायपालिका और संवैधानिक मामलों में नए दृष्टिकोण और योगदान के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Back To Top