चमोली: जिले के नारायणबगड़ ब्लॉक से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां सड़क बाधित होने के कारण एक गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। परिणामस्वरूप महिला को रास्ते में ही प्रसव करना पड़ा और अस्पताल पहुंचने पर नवजात की मृत्यु हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है और प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है।
7 किलोमीटर डंडी-कंडी से किया गया सफर
सिलोडी गांव की 32 वर्षीय कविता देवी को शुक्रवार को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन परखाल-सिलोडी मोटर मार्ग बीते आठ दिनों से बंद होने के कारण कोई वाहन उपलब्ध नहीं था। ग्रामीणों ने मिलकर डंडी-कंडी के सहारे करीब 7 किलोमीटर का कठिन रास्ता तय कर उन्हें नारायणबगड़ स्वास्थ्य केंद्र की ओर लाया।
रास्ते में हुआ प्रसव, अस्पताल पहुंचते ही नवजात की मृत्यु
लंबे और जोखिम भरे सफर के दौरान कविता देवी ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। परखाल से एक निजी वाहन की मदद से मां और नवजात को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, लेकिन दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद नवजात की मौत हो गई।
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
घटना के बाद ग्रामीणों ने संबंधित विभागों और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि परखाल-सिलोडी मार्ग पिछले कई दिनों से बंद था, लेकिन उसे खोलने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य हिमानी देवी ने कहा कि यह दुर्घटना विभागीय उदासीनता का नतीजा है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि डोडिंग गधेरे में बीते तीन वर्षों से भूस्खलन के कारण यह मार्ग बार-बार बाधित होता रहा है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।
स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क की स्थायी मरम्मत और आपदा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक ऐसी त्रासदियां होती रहेंगी। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए मार्ग को खोलने और भविष्य के लिए मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र विकसित करने की मांग की है।