देहरादून में इस बार दशहरा का सूरत व असम से होगा गहरा नाता

देहरादून में इस बार दशहरा का सूरत व असम से होगा गहरा नाता

देहरादून: भारत देश को त्योहारों का देश कहा जाता है, जहाँ हर त्यौहार का स्वागत बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ होता है। तैयारियों का जोश इतना होता है कि समय हमेशा कम ही लगता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दशहरा की तैयारियाँ जोर शोर से शुरू भी हो चुकी हैं। शहर की रौनक बढ़ाने के लिए इस बार रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के भव्य पुतले बनाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार रावण सूरत की पारंपरिक वेशभूषा में नज़र आएगा, जिसके लिए विशेष परिधान मंगाए गए हैं।

4 सितंबर से पुतले बनाने की प्रक्रिया शुरू 

पटेलनगर में पिछले 25 वर्षों से मुजफ्फरनगर के कारीगर शालू अपने साथियों के साथ पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। शालू ने बताया कि उन्होंने इस बार चार सितंबर से पुतले तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनके अनुसार, 25 से लेकर 60 फीट तक ऊँचे पुतले बनाए जा रहे हैं। एक पुतला तैयार करने में 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की लागत आती है।

पंचांग के अनुसार कब मनाया जाएगा दशहरा

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का आरंभ 1 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर होगा और इसका समापन 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। चूँकि त्योहारों का निर्धारण उदय तिथि के आधार पर किया जाता है, इसलिए इस वर्ष विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

असम के बांस का होगा उपयोग 

कारीगरों ने बताया कि पुतले बनाने में असम से लाए गए बांस का उपयोग हो रहा है। बांस को पहले ही मंगवा लिया जाता है, लेकिन इस बार इसकी कीमत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद कारीगर पूरी मेहनत से काम में जुटे हुए हैं ताकि दशहरे पर दूनवासियों को शानदार नजारा देखने को मिले।

बाज़ार में नवरात्र और दशहरा की रौनक 

गणेश उत्सव के बाद अब बाजारों में नवरात्र और दशहरे की रौनक दिखाई देने लगी है। जगह-जगह पर पंडालों और मैदानों में तैयारियों का काम जारी है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार दून में दशहरा पर्व और भी अधिक भव्य और खास होगा।