आखिर क्यों खतरे में है ताजमहल की मीनारे, थर्मल स्कैनिंग से लगा पता

आखिर क्यों खतरे में है ताजमहल की मीनारे, थर्मल स्कैनिंग से लगा पता

आगरा। हमारे संसार में कई अजूबे हैं, जिनमें विश्व के सात अजूबे विशेष महत्व रखते हैं, ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, पेट्रा, क्राइस्ट द रिडीमर प्रतिमा, माचू पिच्चू, चिचेन इत्ज़ा, कोलोसियम और भारत का गौरव ताजमहल। लेकिन अब इस अद्भुत धरोहर को लेकर एक नई चिंता सामने आई है। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल के मुख्य गुंबद पर मरम्मत का काम चल ही रहा था कि अब इसकी मीनारों में भी सीलन का खतरा पाया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मीनारों की संगमरमर जॉइंट्स की मरम्मत शुरू कर दी है, ताकि पानी का रिसाव रोका जा सके और स्मारक की मजबूती बरकरार रहे।

ताजमहल कहाँ स्थित है?

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में, यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक भव्य सफेद संगमरमर का मकबरा है। इसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने 1632 ई. में अपनी प्रिय बेगम मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। यहाँ शाहजहाँ की कब्र भी बनी हुई है।

भारी बारिश से पानी लगा था रिसने

सितंबर 2024 में हुई भारी बारिश के बाद ताजमहल के मुख्य गुंबद पर लगे कलश के पास से पानी रिसने की घटना सामने आई थी। इसके बाद एएसआई ने लिडार और थर्मल स्कैनिंग के जरिए पूरे ढांचे की जाँच की। स्कैनिंग रिपोर्ट में कलश और उसके आसपास के हिस्सों के जोड़ व दरारों से पानी रिसने के प्रमाण मिले। स्थिति को देखते हुए पहले गुंबद पर पाड़ लगाकर मरम्मत कार्य शुरू किया गया और अब पश्चिमी दिशा की मीनारों पर भी यह काम शुरू हो गया है।

जॉइंट्स ही रिसाव का सबसे बड़ा कारण 

ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी के अनुसार, समय-समय पर पुराने मसाले को हटाकर नए मिश्रण से जॉइंट्स को भरा जाता है। इससे न केवल दरारें भरती हैं बल्कि संरचना की मजबूती भी बढ़ती है। अधिकारियों का कहना है कि जॉइंट्स ही रिसाव का सबसे बड़ा कारण बनते हैं, इसलिए इन्हें मजबूत करना बेहद ज़रूरी है।

ताजमहल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है और देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसके संरक्षण को लेकर एएसआई की यह पहल बेहद अहम मानी जा रही है।