कुमाऊं में कैंडल मार्च, दोषियों को फांसी की मांग
पिथौरागढ़: 6 वर्षीय नन्ही परी केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्य आरोपी को बरी किए जाने के फैसले ने पूरे कुमाऊं में आक्रोश फैला दिया है। बेरीनाग और गंगोलीहाट में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और कैंडल मार्च निकालकर बच्ची को न्याय दिलाने की मांग की।
बेरीनाग में प्रदर्शन
बेरीनाग में लोनिवि अतिथि गृह से शुरू हुआ कैंडल मार्च शहीद चौक तक पहुंचा। इसमें महिलाएं, युवा, व्यापारी, पूर्व सैनिक और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए। हाथों में मोमबत्तियां और तख्तियां लेकर लोगों ने नारे लगाए – “न्याय दो, न्याय दो… बेटी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं…”
गंगोलीहाट में भी उठी आवाज
गंगोलीहाट में भी विभिन्न संगठनों ने कैंडल मार्च निकालकर दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। लोगों का कहना है कि यदि सरकार केस को दोबारा नहीं खोलती, तो आंदोलन उग्र रूप लेगा।
पूरा मामला
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20 नवंबर 2014 को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ शादी समारोह में आई 6 वर्षीय बच्ची लापता हो गई थी।
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सात दिन बाद उसका शव गौला नदी से बरामद हुआ।
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पोस्टमार्टम में गैंगरेप और हत्या की पुष्टि हुई।
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मार्च 2016 में निचली अदालत ने मुख्य आरोपी अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई, जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा।
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नन्ही परी के परिवार को आश्वस्त किया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए वरिष्ठ वकीलों से सलाह ले रही है।