GST 2.0 from Navratri: देश में 22 सितंबर 2025 से एक नई टैक्स व्यवस्था की शुरुआत होने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा नए जीएसटी ढांचे (GST 2.0) को लागू किया जा रहा है, जो न केवल आम जनता को राहत देगा, बल्कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) को भी मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर जीएसटी काउंसिल ने यह बदलाव करते हुए महंगाई से जूझ रही जनता को बड़ा तोहफा दिया है।
क्या होने जा रहा सस्ता?
नए GST सुधारों के तहत लगभग 400 वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। खाने-पीने का सामान, रहने, पहनने और पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीजें, घरेलू निर्माण सामग्री और ग्रामीण उत्पादों पर टैक्स दरों में भारी कटौती की गई है।
5 प्रतिशत स्लैब में 149 वस्तुएं
जीएसटी सुधारों के बाद 5 प्रतिशत स्लैब में आने वाले सामानों की संख्या 54 से बढ़कर 149 हो गई है। FICCI की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे ग्रामीण परिवारों को सबसे ज़्यादा फायदा होगा, क्योंकि जिन उत्पादों पर छूट मिलती है, उनकी हिस्सेदारी ग्रामीण परिवारों के लिए 56.3 से बढ़कर 73.5 प्रतिशत और शहरी परिवारों के लिए 50.5 से बढ़कर 66.2 प्रतिशत हो जाएगी।
क्या होगा अब महंगा?
हालांकि इस नए ढांचे में कुछ ‘सिन गुड्स’ (Sin Goods) और लग्जरी उत्पादों पर जीएसटी दरें बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई हैं।
22 सितंबर से महंगे होने वाले उत्पाद
पान मसाला, कच्चा तंबाकू, तंबाकू अवशेष
सिगरेट, सिगार, चेरोट, सिगरिलोस
सभी मीठे या फ्लेवर्ड ड्रिंक्स, कैफीनयुक्त पेय
कोयला, ब्रिकेट्स, लिग्नाइट
मेन्थॉल डेरिवेटिव्स
मोटरसाइकिल (350cc से ऊपर), SUV और लक्जरी कारें
रिवॉल्वर, पिस्तौल
निजी जेट, बिजनेस एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और यॉट
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन वस्तुओं पर कर वृद्धि का उद्देश्य स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ा है।
अवैध बाजार पर लगाम
FICCI की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुराने GST ढांचे (GST 1.0) की उच्च दरों के कारण अवैध बाजारों का प्रसार हुआ था। नए टैक्स स्ट्रक्चर से सरकारी राजस्व में पारदर्शिता, बेहतर अनुपालन और विस्तारित कवरेज के ज़रिए इस चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।
जीएसटी 2.0 भारत को एकल कर व्यवस्था (One Nation, One Tax) के और करीब लाता है। इससे उपभोक्ताओं को राहत, उद्योगों को मजबूती, और अर्थव्यवस्था को औपचारिकता की ओर धकेलने में मदद मिलेगी। 22 सितंबर से लागू होने जा रहे ये बदलाव निश्चित रूप से भारत की आर्थिक दिशा को नई गति देने वाले साबित हो सकते हैं।