Headline
चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, यात्रियों की सुविधाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश
चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, यात्रियों की सुविधाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश
डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल? ओवैसी ने पाकिस्तान की मंशा पर खड़े किए सवाल
डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल? ओवैसी ने पाकिस्तान की मंशा पर खड़े किए सवाल
देहरादून में भीषण सड़क हादसा, चार युवकों की दर्दनाक मौत
देहरादून में भीषण सड़क हादसा, चार युवकों की दर्दनाक मौत
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून में भव्य योग व मेंटल वेलनेस शिविर का आयोजन
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून में भव्य योग व मेंटल वेलनेस शिविर का आयोजन
भारत अपने हिस्से का पानी राजस्थान जैसे जल-संकटग्रस्त राज्यों के खेतों तक पहुंचाएगा- गृह मंत्री अमित शाह
भारत अपने हिस्से का पानी राजस्थान जैसे जल-संकटग्रस्त राज्यों के खेतों तक पहुंचाएगा- गृह मंत्री अमित शाह
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने दी राष्ट्रपति को विदाई
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने दी राष्ट्रपति को विदाई
पंचायत चुनाव: दो फेज में होंगे चुनाव, 10 और 15 जुलाई को वोटिंग, 19 जुलाई को नतीजे
पंचायत चुनाव: दो फेज में होंगे चुनाव, 10 और 15 जुलाई को वोटिंग, 19 जुलाई को नतीजे
सीएम ने भराड़ीसैंण से दिया “हर घर योग, हर जन निरोग’’ का संदेश
सीएम ने भराड़ीसैंण से दिया “हर घर योग, हर जन निरोग’’ का संदेश
राष्ट्रपति ने किया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ, कहा– “योग भारत की चेतना और विरासत का प्रतीक”
राष्ट्रपति ने किया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ, कहा– “योग भारत की चेतना और विरासत का प्रतीक”

कांग्रेस के लिए रामलला नहीं बाबर की मजार रही आस्था का केन्द्र – महाराज

कांग्रेस के लिए रामलला नहीं बाबर की मजार रही आस्था का केन्द्र – महाराज

देहरादून। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण के बावजूद भी कांग्रेस के शामिल न होने का बड़ा कारण यह है कि उसके शीर्ष नेतृत्व के लिए हमेशा से ही काबूल स्थित बाबर की मजार ही आस्था एवं श्रृद्धा का प्रमुख केन्द्र रही है। उक्त बात प्रेस को जारी अपने एक बयान में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मंदिर ट्रस्ट के निमंत्रण के बावजूद भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का शामिल न होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का पीढ़ी दर पीढ़ी काबूल स्थित बाबर की मजार से आस्था एवं श्रृद्धा का अटूट रिश्ता रहा है।

कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे क़द्दावर नेता नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वन लाइफ़ इज नॉट एनफ़’ में स्पष्ट लिखा है कि 1959 में जवाहरलाल नेहरू, 1968 में इंदिरा गांधी, 1976 में राजीव गांधी और 2005 में राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के साथ अफगानिस्तान में बाबर की कब्र का दौरा किया और कब्र पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इसलिए सनातन विरोधी कांग्रेस ने आमंत्रण मिलने के बाद भी रामलला के दर्शन करना उचित नहीं समझा।

नटवर सिंह ने अपनी पुस्तक में यह भी लिखा है कि इंदिरा गांधी बाबर की कब्र पर फूल चढ़ाने काबुल गई थीं और अफगानिस्तान में बाबर की कब्र पर इंदिरा गांधी ने दावा किया था कि वह उनके उत्तराधिकारी हैं और देश उनके नियंत्रण में है। यही कारण है कि कांग्रेस अपने सहयोगियों द्वारा सनातन धर्म के अपमान पर चुप्पी साध लेती है।

इसलिए आज हमें यह तय करना होगा कि देश की सत्ता को भगवान श्री राम में आस्था रखने वाले चलायेंगे या बाबर की मजार पर श्रृद्धा सुमन अर्पित करने वाले राम द्रोही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top