Headline
केदारघाटी के उत्पादों को केदार ब्रांड बनाकर मातृशक्ति की आजीविका को सुधारा जाएगा- मुख्यमंत्री धामी
केदारघाटी के उत्पादों को केदार ब्रांड बनाकर मातृशक्ति की आजीविका को सुधारा जाएगा- मुख्यमंत्री धामी
सर्दी-खांसी, जुकाम से बचाएगी ये फर्मेंटेड ड्रिंक, इम्यूनिटी होगी बूस्ट
सर्दी-खांसी, जुकाम से बचाएगी ये फर्मेंटेड ड्रिंक, इम्यूनिटी होगी बूस्ट
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस को और अधिक सशक्त बनाया गया – मुख्यमंत्री धामी 
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस को और अधिक सशक्त बनाया गया – मुख्यमंत्री धामी 
लोगों में राहुल को लेकर भारी उत्साह
लोगों में राहुल को लेकर भारी उत्साह
चीता हेलीकॉप्टर ने 17400 फीट से महिला पर्वतारोहियों का किया रेस्क्यू
चीता हेलीकॉप्टर ने 17400 फीट से महिला पर्वतारोहियों का किया रेस्क्यू
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री धामी ने हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
दिल्ली की जनता का प्यार और विश्वास ही मेरी ईमानदारी का प्रमाण बनेगा- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली की जनता का प्यार और विश्वास ही मेरी ईमानदारी का प्रमाण बनेगा- अरविंद केजरीवाल
प्रदेश में साइबर हमलों से निपटने के लिए बनेगी साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स
प्रदेश में साइबर हमलों से निपटने के लिए बनेगी साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स

उत्तराखंड में जंगल की आग ने बरपाया कहर, लेकिन पेड़ों को नहीं पहुंचा कोई नुकसान, हैरत में पड़े अधिकारी  

उत्तराखंड में जंगल की आग ने बरपाया कहर, लेकिन पेड़ों को नहीं पहुंचा कोई नुकसान, हैरत में पड़े अधिकारी  

देहरादून। उत्तराखंड में जंगल की आग ने कहर बरपाया हुआ है। गढ़वाल से कुमाऊं मंडल तक आग विकराल हो गई है। अब तक आग की 910 घटनाओं में 1144 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल गया, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि पेड़ एक भी नहीं जला। यह हम नहीं, बल्कि वन विभाग के अधिकारी और उनकी ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आग से अब तक किसी वन्य जीव को भी नुकसान नहीं हुआ। प्रदेश के जंगलों में लगी आग थम नहीं रही है। आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है। सरकार ने वन मुख्यालय के अधिकारियों को मोर्चे में उतारने के बाद अब जिलाधिकारियों को भी आग की निगरानी के निर्देश दिए हैं।

प्रदेशभर में 1,438 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं और 3,983 फायर वॉचरों को तैनात किया गया है। इसके बावजूद जंगल जगह-जगह धधक रहे हैं। अब तक गढ़वाल में 482 और कुमाऊं में 355 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि वन्य जीव क्षेत्र में 73 घटनाएं हुई हैं। वनाग्नि की घटनाओं को लेकर वन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 1,144 हेक्टेयर जंगल जलने के बाद भी कोई वन्य जीव झुलसा नहीं, न ही किसी की आग की चपेट में आकर मौत हुई है।

रिपोर्ट में पेड़ जलने की भी कोई सूचना नहीं है। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक, जंगल की आग की वजह से प्रदेश में कहीं से पेड़ जलने की सूचना नहीं है। आग से गिरी सूखी पत्तियां और घास जली है। जंगल की आग से पेड़ों को कोई नुकसान नहीं हुआ। वनाग्नि की गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 183 और कुमाऊं आरक्षित वन क्षेत्र में 343 घटनाएं हुई हैं, जबकि गढ़वाल में सिविल एवं वन पंचायत क्षेत्र में 172 और कुमाउं में 139 घटनाएं हो चुकी हैं। इससे गढ़वाल में 398 और कुमाऊं में 221 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वन संपदा को नुकसान हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top