Headline
मानसून में बाल झड़ने से हैं परेशान? तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय, मिलेगा फायदा
मानसून में बाल झड़ने से हैं परेशान? तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय, मिलेगा फायदा
धामी सरकार मनाएगी एक लाख करोड़ की ग्राउंडिंग का उत्सव
धामी सरकार मनाएगी एक लाख करोड़ की ग्राउंडिंग का उत्सव
अगस्त में मिलेगा हल्द्वानी को एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम
अगस्त में मिलेगा हल्द्वानी को एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम
सीएम धामी से मिले वेटलिफ्टर मुकेश पाल 
सीएम धामी से मिले वेटलिफ्टर मुकेश पाल 
कांवड़ियों को “उपद्रवी” और “आतंकवादी” कहना भारत की परंपरा और आस्था का अपमान- सीएम योगी
कांवड़ियों को “उपद्रवी” और “आतंकवादी” कहना भारत की परंपरा और आस्था का अपमान- सीएम योगी
सीएम धामी ने लॉन्च किया हिंदी फिल्म “5 सितम्बर” का पोस्टर
सीएम धामी ने लॉन्च किया हिंदी फिल्म “5 सितम्बर” का पोस्टर
राजकुमार राव की ‘मालिक’ पहले हफ्ते में बॉक्स ऑफिस पर हुई फेल, जानिए फिल्म की अब तक की टोटल कमाई
राजकुमार राव की ‘मालिक’ पहले हफ्ते में बॉक्स ऑफिस पर हुई फेल, जानिए फिल्म की अब तक की टोटल कमाई
अनुराग ढांडा ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, कहा– 20 साल की सत्ता के बाद भी बिहार विकास से कोसों दूर
अनुराग ढांडा ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, कहा– 20 साल की सत्ता के बाद भी बिहार विकास से कोसों दूर
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों की मांगों पर डीएम सविन बंसल ने दिए त्वरित निर्देश
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों की मांगों पर डीएम सविन बंसल ने दिए त्वरित निर्देश

गौरव- साहित्यकार यशवंत सिंह कटौच को मिला पद्मश्री सम्मान

गौरव- साहित्यकार यशवंत सिंह कटौच को मिला पद्मश्री सम्मान

देहरादून प्रदेश के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने 33 वर्षों तक शिक्षक के रूप में सेवाएं दी हैं। साथ ही इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में लंबे समय से योगदान दे रहे हैं। उनको पद्मश्री दिए जाने पर इतिहासकारों, साहित्यकारों, शिक्षकों, लेखकों, लोक कलाकारों व संस्कृति कर्मियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. कठोच पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1974 में आगरा विवि से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में विवि में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के गढ़वाल हिमालय के पुरातत्व पर शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया और विवि ने उन्हें डीफिल की उपाधि से नवाजा।

एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 33 साल सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए। डॉ. कठोच भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में निरंतर शोध कर रहे हैं। वह वर्ष 1973 में स्थापित उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं। उनकी मध्य हिमालय का पुरातत्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद-चिन्ह, मध्य हिमालय की कला: एक वास्तु शास्त्रीय अध्ययन, सिंह-भारती सहित 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध और मध्य हिमालय के पुराभिलेख पुस्तकें जल्द प्रकाशित होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top